

राज्य योजना आयोग का गठन वित्त, योजना, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के संकल्प दिनांक 10.01.2001 के माध्यम से सरकार के घोषित उद्देश्यों के अनुसरण में किया गया था ताकि लोगों के जीवन स्तर में तेजी से वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके | डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष है , एवं श्री अजय सिंह उपाध्यक्ष है। योजना आयोग पर राज्य के सभी संसाधनों का मूल्यांकन करने, कम संसाधनों को बढ़ाने, संसाधनों के सबसे प्रभावी और संतुलित उपयोग के लिए योजना तैयार करने और जिला योजना अधिकारियों को जिला योजना तैयार करने और प्राथमिकताएं निर्धारित करने में सहायता करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
30 जुलाई, 2010 से, राज्य योजना बोर्ड का नाम बदलकर राज्य योजना आयोग कर दिया गया है।राज्य योजना आयोग, का पुनर्गठन वर्ष 2014 में किया गया था जिसमें 4 सरकारी सदस्य (मंत्री), 5 अशासकीय सदस्य, 2 स्थायी सदस्य, 1 अंशकालिक सदस्य और 3 स्थायी आमंत्रित सदस्य शामिल थे।राज्य योजना आयोग, का पुनर्गठन पुनः वर्ष 7 जनवरी, 2020 में किया गया. जिसके अनुसार राज्य योजना आयोग की नयी संरचना निम्नानुसार है -
माननीय मुख्यमंत्रीजी अथवा उनके द्वारा नामांकित व्यक्ति |
अध्यक्ष |
पूर्णकालिक उपाध्यक्ष |
राज्य शासन द्वारा मनोनीत |
पदेन सदस्य (4) |
राज्य मंत्री परिषद् से माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा मनोनीत |
पूर्णकालिक सदस्य (1) |
राज्य शासन द्वारा मनोनीत |
अशासकीय सदस्य (3) |
कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक क्षेत्र, अर्थशास्त्र से अधिकतम 03 लब्ध प्रतिष्ठित व्यक्ति (राज्य शासन द्वारा मनोनीत) |
अंशकालीन सदस्य (2) |
अधिकतम 2 सदस्य. राज्य के प्रमुख विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों एवं अन्य प्रासंगिक संस्थाओं से पदेन सदस्य के रूप में ( एक वर्ष के चक्रीय आधार पर) राज्य शासन द्वारा मनोनीत |
स्थाई आमंत्रित |
1. मुख्य सचिव |
पूर्णकालिक सदस्य सचिव |
शासन द्वारा पदस्थ सचिव स्तरीय अधिकारी |
नए परिदृश्य में, राज्य योजना आयोग को नई व्यापक भूमिका और जिम्मेदारी सौंपी गयी है जिसमें शामिल हैं -
राज्य योजना आयोग को सौंपी नए दायित्व के निर्वहन के लिए आयोग ने 14 टास्क फोर्सेस का निर्माण किया है, जिसमे देश-प्रदेश से लब्धप्रतिष्ठित विषय- विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.